बुधवार, 18 जुलाई 2012

हंगामा है क्यों बरपा ....विधान सभा के इतिहास में पहली बार अनुसूचित जन जाति के सभापति ने बागडोर संभाली

विधानसभा में आज चर्चित  अवैध उत्खनन के मामले को लेकर विपक्ष ने सत्ता पक्ष का घेराव किया, स्थगन के जरिये  चर्चा  की  उनकी मांग थी ओर अनायास ही विपक्ष ने अध्यक्ष के कमरे के बाहर धरना दे दिया मध्यप्रदेश के विधान सभा के  इतिहास में पहली बार ऐसा हुआ है .अध्यक्ष  ओर विधान दंड को सदन में में नहीं जाने दिया गया... कांग्रेस के सदस्यों ने अध्यक्ष कक्ष के साथ पूरी गैलरी में अपना कब्जा बनाय रखा इसी बीच खबर मिलते ही मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ओर संसदीय कार्य मंत्री नरोत्तम मिश्रा अध्यक्ष महोदय के कमरे में आगये लेकिन धरने पर बैठे विपक्ष के कारण बाहर नहीं आ सके ओर प्रश्न काल की समाप्ति तक वहीँ नारेबाजी करते रहे.यहीं नेता प्रतिपक्ष ने अविश्वास प्रस्ताव का संकल्प लिया दर कल्पना परुलेकर ने इसका समर्थन किया ..विपक्ष ने अध्यक्ष पर भेदभाव करने का आरोप भी लगाया बाद में सदस्यों ने प्रमुख सचिव को अविश्वास प्रस्ताव की लिखित सूचना दी.....आज आसंदी पर रोहानी नहीं थे लेकिन सदन की कार्यवाही ज्ञान सिंह ने संचालित की जब प्रशन काल पूरा हुआ तभी चौधरी राकेश उप नेता प्रतिपक्ष ने पाइंट ऑफ़ आर्डर लेते हुए सभापति पालिका की सूची ना आने के बावजूद सभापति को आसंदी पर बैठने को लेकर प्रश्न खड़े किये तभी उधोग मंत्री कैलाश विजय वर्गीय ने विधान सभा कार्य संचालन का हवाला देते हुए नियम 9 [२] को परिभाषित करते हुए कहा की जब तक नई सूची नहीं आ जाती तब तक पुरानी सूची से कोई सदस्य सभापति का दायित्व संभाल सकता है ओर इसी बीच ज्ञान सिंह सभापति ने राकेश सिंह के पाइंट ऑफ़ आर्डर को रद्द कर दिया 
प्रदेश के इतिहास में पहली बार अनुसूचित जन जाति के सभापति ने बागडोर अपने हाथों में संभाले रखी ..आसंदी की कुर्सी खाली होने के बावजूद कुर्सी के दोनों तरफ पक्ष ओर विपक्ष जम कर नारेबाजी कर रहे थे इसी बीच कुछ समय बाद ही सदन की कार्यवाही फिर शुरू हुई ओर आसंदी पर केदारनाथ शुक्ल बैठे कैलाश विजय वर्गीय ने सभापति से कांग्रेस के  कृत्य के खिलाफ निंदा प्रस्ताव  पेश करने की अनुमति मांगी सभापति ने अनुमति दी ..हंगामे के बीच ही निंदा प्रस्ताव धवनि मत से पारित होने की घोषणा सभापति ने की ..इसी बीच वित्त मंत्री राघव जी ने २०१२-१३ के प्रथम अनुपूरक अनुमान को सदन के पटल पर रखने को कहा...जब अनुपूरक अनुमान वित्तमंत्री राघव जी पढ़ रहे थे तभी नेता विपक्ष ने कहा जब एक बार सदन की कार्यवाही स्थगित हो गई है तो फिर दुबारा कैसे शुरू हो सकती है 
आठ साल में पहली बार शिवराज सिंह चौहान के कार्यकाल में विपक्ष को काबू में लेन के लिए मार्शल का प्रयोग किया गया