] मध्यप्रदेश में समय के समानांतर इतिहास लिखा जा रहा है ...बेटी बचाओ अभियान सरकार का एक अति महत्वपूर्ण ''अभियान है इस अभियान का दूसरा चरण २००११ अक्टूबर में शुरू हुआ इसके दूसरे चरण में १०० करोड़ रूपये खर्च करने एवं लक्ष्य प्राप्त करने का सरकार का इरादा है ...ताकि बालिका लिंगानुपात को कम किया जा सके हालांकि मध्यप्रदेश सरकार की स्त्री हितैषी चल रही अनेका-अनेक योजनाओं में से यह योजना भविष्य में कारगार बी होगी और इसके सफल -सुखद परिणाम भी आगामी चुनाव में सामने आयेंगे ,,,,किन्तु प्रदेश के कई जिलों में करोड़ो रुपया खर्च होने के बावजूद इस अभियान की बू तक नहीं पहुंची है इसका सबसे बड़ा उदाहरण है मध्यप्रदेश का खंडवा जिला ..जहाँ ''बेटी बचाओ अभियान से यहाँ की स्त्रीयों को कोई सरोकार नहीं ...चाहे घरेलु महिला हो या कामगार...... इस योजना का सही क्रियान्वयन हो इसके लिए अभी सरकार को और ध्यान देना होगा और इस दिशा में काम भी करना होगा इसकी सार्थकता तभी होगी जब सरकार इसे गंभीरता से घर-घर पहुंचाने की जिम्मेदारी अपने मातहतों को देगी इस संदर्भ में हमने जिले के अंदरकई स्त्रीयों,लोगों और समूह से बातें की जिसकी छोटी छोटी झलक यथासमय हम यहाँ प्रस्तुत करतें रहेंगे और सरकार को उनके काम-काज का आइना भी ''औरत .ब्लागस्पाट ,कोम केमाध्यम से दिखाते रहेंगे.....
ये है हीरामणि[५०] रेशम बाई[४५]सुमन बाई [२०]सुनीता ]२०]लाद्कुवंर[३५] सरजू बाई [५०]सौरभी बाई[४०]सिधीबाई [३५]भावना[३८]भागवती[४८]मनीषा [२५]ललिता चंदा, गीताबाई,रामकली सावित्री .....[सभी से सामूहिक चर्चा]..का कहना है की सरकार ने सभी चीजें महँगी कर दी है ,हर छीज मुश्किल से मिलती है ..इन्ही के शब्दों में दोहरायें तो ,,,,,,,गंज मह्न्गो कर दियो सामान कईं की चाय तो कईं शक्कर ,,,मक्का की रोटी चनों की भाजी खापीकर सो जावें हम तो ...मजदूरी ना करें तो पेट ना भरेगो ,,,बच्चे होण को का खिलाएं ...
सबसे बड़ी बात सरकार के बेटी बचाओ अभियान की बात इन तक नहीं पहुंची ये नहीं जानती ...ये सब क्या है ...बोलती है...सरपंच को पता होगा सब पैसा तो उसको ही मिलता है इनमे सबसे कम उम्र मनीषा[२५ ]का कहना है की मेरा फोटो मत छापना --पर मैंने अपने मुख्यमंत्री का फोटो देखा है उसकी अभी नई शादी हुई है ...उससे सवाल करती हूँ ...अगर तुम्हे पहले-पहल लड़की हुई तो घरवाले नाराज़ तो नहीं होंगे ,,,वो मुस्कुराती है ...उत्तर देती है....मुख्यमंत्री की गोद में लड़की वाली तस्वीर दिखा देंगे....[बेटी बचाओ अभियान के बारे में नहीं पता लेकिन हमारी बातचीत के बाद और औरत मैगजीन में छपे ''बेटी बचाओ अभियान के विज्ञापन को देख कर उन्हें इसके बारे में पता चलता है ] मध्यप्रदेश में समय के समानांतर इतिहास लिखा जा रहा है
ये है हीरामणि[५०] रेशम बाई[४५]सुमन बाई [२०]सुनीता ]२०]लाद्कुवंर[३५] सरजू बाई [५०]सौरभी बाई[४०]सिधीबाई [३५]भावना[३८]भागवती[४८]मनीषा [२५]ललिता चंदा, गीताबाई,रामकली सावित्री .....[सभी से सामूहिक चर्चा]..का कहना है की सरकार ने सभी चीजें महँगी कर दी है ,हर छीज मुश्किल से मिलती है ..इन्ही के शब्दों में दोहरायें तो ,,,,,,,गंज मह्न्गो कर दियो सामान कईं की चाय तो कईं शक्कर ,,,मक्का की रोटी चनों की भाजी खापीकर सो जावें हम तो ...मजदूरी ना करें तो पेट ना भरेगो ,,,बच्चे होण को का खिलाएं ...
सबसे बड़ी बात सरकार के बेटी बचाओ अभियान की बात इन तक नहीं पहुंची ये नहीं जानती ...ये सब क्या है ...बोलती है...सरपंच को पता होगा सब पैसा तो उसको ही मिलता है इनमे सबसे कम उम्र मनीषा[२५ ]का कहना है की मेरा फोटो मत छापना --पर मैंने अपने मुख्यमंत्री का फोटो देखा है उसकी अभी नई शादी हुई है ...उससे सवाल करती हूँ ...अगर तुम्हे पहले-पहल लड़की हुई तो घरवाले नाराज़ तो नहीं होंगे ,,,वो मुस्कुराती है ...उत्तर देती है....मुख्यमंत्री की गोद में लड़की वाली तस्वीर दिखा देंगे....[बेटी बचाओ अभियान के बारे में नहीं पता लेकिन हमारी बातचीत के बाद और औरत मैगजीन में छपे ''बेटी बचाओ अभियान के विज्ञापन को देख कर उन्हें इसके बारे में पता चलता है ] मध्यप्रदेश में समय के समानांतर इतिहास लिखा जा रहा है
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